Technology

3/Technology/post-list

भारत की आन बान शान है हिंदी


*डॉ संध्या शुक्ल 'मृदुल'*


साजे नारी के शीश ज्यों बिंदी,
बिराजे भारत के शीर्ष यूं हिंदी।
ऋषि मुनि और विद्वद्जनों के,
लेखन श्र्रंृगार रहती है हिंदी।


जन मानस की बोलचाल में ये,
सहज सरल औ आम है हिंदी।
संप्रेषण और संचार प्रसार का,
सबसे सशक्त माध्यम है हिंदी।


वीणा के तारों सी झंकृत करती,
सद्साहित्य में अलंकृत है हिंदी।
कवि और लेखकों के सृजन को
कृत कृत्य करती है भाषा हिंदी।


कोकिल कंठ सी लगे कर्ण प्रिय,
मिश्री की डली सी लगती हिंदी।
सभी  भाषाओं की सिरमौर बनी,
हमारी मातृभाषा कहलाती हिंदी।


विश्वबंधुत्व और एकता का भाव,
जन जन में नित जगाती हिंदी।
नदी की पावन धार  सी निर्मल,
झरने सी शीतल है भाषा हिंदी।


प्रगति के नित नये सोपान रचती,
भारत का मान है बढ़ाती हिन्दी।
जन जन के मन में है बिराजती,
देश की आन और शान है हिंदी।


*डॉ संध्या शुक्ल 'मृदुल',श्रीराम वार्ड, मंडला, म प्र,मो 9893885679
                                 


Share on Google Plus

About शाश्वत सृजन

This is a short description in the author block about the author. You edit it by entering text in the "Biographical Info" field in the user admin panel.
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 Comments:

एक टिप्पणी भेजें