कैसी प्रीत अनोखी, यमुना का प्रेम जग जाने।
निवेदन करे बहना ,आखिर यम कैसे ना माने
अक्षत रोली का टीका ,बदले में यह वरदान मिले।
भाईदूज को भोजन बहना घर ,यम पाश से मुक्ति मिले।
यमुना ने भाई यमराज से भाईदूज का वचन लिया।
आज भाई के संग हो बहना, पावन दिन बना दिया।
भाई बहन का प्यार निराला, जगत में सब जाने।
कैसी प्रीत अनोखी, यमुना का प्रेम जग जाने।
निवेदन करे बहना ,आखिर यम कैसे ना माने।
रिश्तों की यह लड़ियां ,सुंदर माला हो जाती है।
निर्मल मन निर्मल रिश्ते पर अमि वृष्टि हो जाती है।
यम, यमुना सी प्रीत रहे ,भाई ज्योत, बहन दीया।
भ्राता भगिनी प्रेम ने ,समस्त विश्व आलोकित किया।
ईश्वर ने इस सुंदर रिश्ते के बुने ,मोह नेह के तानेबाने।
कैसी प्रीत अनोखी, यमुना का प्रेम जग जाने।
निवेदन करे बहना ,आखिर यम कैसे ना माने।
*माया मालवेन्द्र बदेका,उज्जैन
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