*हेमलता शर्मा "भोली बैन"
अर्थ नहीं है तंत्र बता दो, देश का ऐसा मंत्र है ।
लाख शहीदों की वेदी पर, बना हुआ गणतंत्र है ।।
न्याय दंड का मोल यहां पर, चांदी के बल होता है ।
अन्यायी आजाद रहे यहां, हरिश्चंद्र अब रोता है ।।
देश में कुर्सी ईश्वर से भी, बढ़कर समझी जाती है ।
कुर्सी पूज रहे हैं नेता, कुर्सी उनकी साथी है ।
न्याय नहीं सरकार नहीं, फिर कैसे देश स्वतंत्र है ।।
अर्थ नहीं है तंत्र बता दो, देश का ऐसा मंत्र है ।
लाख शहीदों की वेदी पर, बना हुआ गणतंत्र है ।।
*हेमलता शर्मा "भोली बैन",इंदौर
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