*शालु मिश्रा
अबकी बार हम सब भारत का 71 वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहे हैं। भारत के प्रत्येक नागरिक को बङी ही उत्सुकता से इस विशेष दिन का इंतज़ार रहता हैं।कयोंकि आज ही के दिन हमारे गणतंत्र का जन्म हुआ था।सभी शिक्षण संस्थाओं केंद्र एवं राज्य के सभी कार्यालयों में इसी जनवरी माह की 26 तारीख को यह शुभ दिन बङे ही उत्साह से मनाया जाता है। परंतु मेरा मानना है कि शिक्षण संस्थाओं में इसका एक अनूठा ही महत्व विद्यमान है क्योंकि जो हमारी युवा पीढ़ी अध्ययन कर रही है आने वाले समय में उन्हीं को देश की इस बागडोर को संभालना है हमारे देश के भविष्य निर्माता वही है यदि ये सब अभी से कर्तव्यनिष्ठता,भाईचारे और इमानदारी से योग्य नागरिकता के पहलू को समझेंगे तभी भावी नेता बनकर देश की उन्नति को चार चांद लगा पाएंगे ।
हम सब बचपन से हर दिन विद्यालय में यही प्रतिज्ञा लेते आ रहे हैं कि हम सब भारतवासी है। सभी भारतीय भाई-बहन हैं हमें अपने देश पर गर्व है अफसोस की बात तो सिर्फ इतनी है कि हर व्यक्ति आगे जाकर अपनी इस प्रतिज्ञा पर अमल नहीं कर पाता है और सभी संकल्पो की बातें विद्यालय की चारदीवारी में ही कही छोड़ कर चला जाता है।और वर्तमान पीढ़ी में 80प्रतिशत लोग तो जातिवाद,चोरी,डकैती,
अत्याचार जैसे अपवादों के मायाजाल में दिन ब दिन जकड़ते जा रहे हैं । न जाने कब इन वारदातों पर लगाम कसी जाएगी और हां यह सारी कमियां कोई और नहीं दूर कर सकता हमे स्वयं एक बार पुनः नई उमंग और नये जोश से अडिग होकर संकल्प लेना होगा एवं उसे अपने जीवन में लागू भी करना होगा ।
भारत ने खुद को संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य तो घोषित कर दिया हैं।परंतु यह सही सार्थक तभी हो पाएगा जब संविधान के नियमों का उचित रूप से पालन किया जाएगा। आज भी हमारे इस रूढ़ीवादी समाज में दहेज प्रथा,बाल विवाह, बाल मजदूरी,महिलाओं पर हो रहे दुराचार, अपहरण आदि घटनाओं ने हमारे देश का सिर शर्म से झुका दिया है शिक्षा व संस्कारों से वंचित लोग ही ऐसे कुकृत्य ज्यादा कर सकते हैं जिन्हें इस देश की मान- मर्यादा और जिम्मेदारी का कदापि कोई ख्याल नहीं हैं। इस इस पावन दिवस को बनाना हम सबके लिए तभी सही मायने में सिद्ध हो पाएगा जब हम सब मिलकर यह संकल्प लेंगे कि हमारे देश के समक्ष आने वाली चुनौतियों का डटकर सामना करेंगे एवं देश को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाने के लिए भरपूर कोशिश करेंगे।
हमारी भाषा,धर्म,संस्कृति आदि में जो विविधता होते हुए भी एकता की झलक नजर आती है वह केवल भारतवसी ही नही अपितु विदेशीयों के मन को भी बढ़ा लुभाती है। जब भी आजादी की वर्षगांठ को देश प्रेम के गीत बजते हैं तो हमें झूमने गुनगुनाने पर मजबूर कर डालते हैं । इस दिन पूरे भारत में जन गण मन से आकाश गुंजायमान हो जाता है
अत: देखा जाए तो हम सब अपने सहपाठियों, बच्चों,रिश्तेदारों और मित्रों आदि को यही शिक्षा दे कि केवल अच्छे अंको से पास होना ही हमारा कर्तव्य नहीं है, अपितु नैतिकता के साथ साथ आदर्शों एवं मूल्यों को जीवन में भी उतारना अति आवश्यक हैं।
मैं हमारे भारत देश के लिए स्वर्णिम और उज्जवल भविष्य की कामना करती हैं ।
"सभी देशवासियों का मान है हम,
इस देश पर लुटाते अपनी जान है हम,
चमन को खिलाने की शान है हम,
इस देश की युवा पहचान है हम"
जय हिंद ।।
जय भारत ।।
*शालू मिश्रा(नोहर)
रा.बा.उ.प्रा.वि.सराणा
(जालोर)
0 Comments:
एक टिप्पणी भेजें