*रेणु शर्मा
देख हालत देश की ,,,
विरान हुआ संसार है ।।
जो हुआ करता था ,,,
खिला - खिला ।।
आज हर जगह ,,,
पसरा हुआ सन्नाटा है।।
एक वायरस ने ,,
हाल यह हमारा किया है ।।
देश को विकट परिस्थिति ने,,
जकड़ा है ।।
जहाँ होती थी हर गली ,,
भरी भीड़ से ,,
आज वहा ना कोई आहट है ,,
ना ही सरसराहट है।।
बस हर जगह फैला सन्नाटा है ।।
दूर-दूर तक दिखे न कोई ,,
न आती आवाज कोई ,,
शहरों में विरान पड़े बाजार है ,,
चारों तरफ छाया सन्नाटा है ।।
*रेणु शर्मा
जयपुर ( राजस्थान )
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